Poet
Sarvesh Tripathi
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Back to List of Poets Back to List of Poems आप सारी वेदनाओं को संजोकर गीत लिखना ।
जब कभी होना अकेले बात हो निर्वात से । हम क्षितिज से देखते होंगे तुम्हे अज्ञात से । कर सकोगे पार कैसे दुःख की गहरी नदी । सब सुखों ने साथ छोड़ा आ गयी है त्रासदी । फिर अँधेरी रात के ही साथ होकर गीत लिखना ।। आप सारी वेदनाओं को संजोकर गीत लिखना ।। धैर्य की होगी परीक्षा जब कभी ताने मिलेंगे । जो करीबी थे तुम्हारे वो ही अनजाने मिलेंगे । दूरियाँ मीलों की होंगी तुम चलोगे किस तरह । इक घने जंगल में कोई चल रहा हो जिस तरह । इस तरह संवेदना को ही पिरोकर गीत लिखना । आप सारी वेदनाओं को संजोकर गीत लिखना ।। टूट जाएगा मनोबल धमकियाँ देगा समय जब । आँधियाँ तूफ़ान झँझवात सब आ जाएँगे तब । डूबने को नाव होगी साथ में कोई न होगा । तुम किसे आवाज दोगे पास में कोई न होगा । तब हमारी याद करना और रोकर गीत लिखना । आप सारी वेदनाओं को संजोकर गीत लिखना ।। |
***सहमति पत्र***
1. मैं साहित्यिक वेबसाइट www.niharikanjali.com को अपनी साहित्यिक रचनाएं जो कि मेरी स्वयं की मौलिक रचनाएं हैं, प्रकाशित करने की सहमति प्रदान करता / करती हूँ। इसके लिए उपरोक्त वेबसाइट से मैं भविष्य में कभी भी अपनी रचनाओं को प्रकाशित करने के लिए किसी भी प्रकार के भुगतान की मांग नहीं करूंगा / करूंगी।
2. विवाद की स्थिति में रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने में वेबसाइट www.niharikanjali.com की किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी एवं रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने का प्रथम एवं अंतिम कर्तव्य मेरा स्वयं का ही होगा।
3. उपरोक्त वेबसाइट से संबंधित किसी भी प्रकार के विवाद का न्यायिक क्षेत्र कानपुर अथवा दिल्ली ही होगा।
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