NEEHARIKANJALI
Poet
Waseem Barelvi


नाम- ज़ाहिद हसन वसीम
जन्मतिथि- 08-Feb-1940
जन्मस्थान- बरेली, उत्तर प्रदेश, भारत
शिक्षा- एम.ए. (उर्दू)
सम्प्रति- अवकाश प्राप्त व्याख्याता, उर्दू विभाग, बरेली कॉलेज, बरेली
लेखन विधा- उर्दू शायरी
प्रकाशित रचनायें- तबस्सुमे-ग़म , आँसू मेरे दामन तेरा, मिजाज़ , मेरा क्या
विशेष- प्रोफ़ेसर वसीम बरेलवी को मुशायरों की कामयाबी की जमानत माना जाता है. वसीम बरेलवी के गीत, ग़ज़ल और दोहे हिन्दी-उर्दू के सभी काव्य-प्रेमियों व श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. वसीम बरेलवी अमीर खुसरो, कबीर, रसखान, जायसी और रहीम की परम्परा के शायर हैं.

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कविता संग्रह


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मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले...


मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले
उसे समझने का कोई तो सिलसिला निकले

किताब-ए-माज़ी के औराक़ उलट के देख ज़रा
न जाने कौन-सा सफ़्हा मुड़ा हुआ निकले

मैं तुझ से मिलता तो तफ़्सील में नहीं जाता
मेरी तरफ़ से तेरे दिल में जाने क्या निकले

जो देखने में बहुत ही क़रीब लगता है
उसी के बारे में सोचो तो फ़ासला निकले

तमाम शहर की आँखों में सुर्ख़ शो'ले हैं
'वसीम' घर से अब ऐसे में कोई क्या निकले




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