NEEHARIKANJALI
Poet
Urmilesh Shankhdhar


नाम- डॉ. उर्मिलेश शंखधार
जन्मतिथि- 06-Jul-1951
जन्मस्थान- ग्राम- भथरी, इस्लामनगर, बदायूँ, उत्तर प्रदेश, भारत
शिक्षा- एम. ए., पीएच. डी. (हिंदी)
सम्प्रति- व्याख्याता- हिन्दी विभाग, नेहरू मेमोरियल शिवनारायण दास महाविद्यालय, बदायूँ (उ.प्र.)
लेखन विधा- गीत, ग़ज़ल, कविता, मुक्तक
प्रकाशित रचनायें- पहचान और परख, सोत नदी बहती है, चिंरजीव हैं हम, बाढ़ में डूबी नदी (सभी गीत-संग्रह); धुआँ चीरते हुए, जागरण की देहरी पर, बिम्ब कुछ उभरते हैं (दोनों नवगीत-संग्रह); घर बुनते अक्षर, फ़ैसला वो भी ग़लत था, धूप निकलेगी, आइनें आह भरते हैं (सभी ग़ज़ल-संग्रह); गंधो की जागीर, वरदानों की पाण्डुलिपि (दोहा-संग्रह)
विशेष- कवि-भूषण, राष्ट्र-कवि, भारत-श्री, गीत-गंधर्व, आचार्य-श्री, युग-चारण तथा यशभारती सम्मान

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कविता संग्रह


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आज है, कल हुई, हुई, न हुई...


आज है, कल हुई, हुई, न हुई
छांव हर पल हुई, हुई, न हुई

एक पहेली है ज़िंदगी अपनी
क्या पता हल हुई, हुई, न हुई

देह का फ़लसफ़ा बताता है
कल ये संदल हुई, हुई, न हुई

जो नदी तुझमें - मुझमें बह्ती है
उसमें कलकल हुई, हुई, न हुई

ये नुमाइश तो चार दिन की है
फिर ये हलचल हुई, हुई, न हुई

मानकर घास रौंद मत इसको
कल ये मखमल हुई, हुई, न हुई

जितना जी चाहे उतनी पी ले तू
फिर ये बोतल हुई, हुई, न हुई




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