Poet
Urmilesh Shankhdhar
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Back to List of Poets Back to List of Poems बेवजह दिल पे कोई बोझ न भारी रखिये
ज़िन्दगी जंग है इस जंग को जारी रखिये अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल अब तो हाथों में कोई तेज कटारी रखिये कितने दिन ज़िन्दा रहे इसको न गिनिये साहिब किस तरह ज़िन्दा रहे इसकी शुमारी रखिये उसकी पूजा कहीं ईश्वर को न कर दे बदनाम अब तो मंदिर में कोई और पुजारी रखिये आपको आपसे बढ कर जो बताएं हरदम ऐसे लोगों से ज़रा दूर की यारी रखिये ज़िन्दगी भर के लिए हम न कहेंगे तुमसे आज,बस आज ज़रा बात हमारी रखिये |
***सहमति पत्र***
1. मैं साहित्यिक वेबसाइट www.niharikanjali.com को अपनी साहित्यिक रचनाएं जो कि मेरी स्वयं की मौलिक रचनाएं हैं, प्रकाशित करने की सहमति प्रदान करता / करती हूँ। इसके लिए उपरोक्त वेबसाइट से मैं भविष्य में कभी भी अपनी रचनाओं को प्रकाशित करने के लिए किसी भी प्रकार के भुगतान की मांग नहीं करूंगा / करूंगी।
2. विवाद की स्थिति में रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने में वेबसाइट www.niharikanjali.com की किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी एवं रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने का प्रथम एवं अंतिम कर्तव्य मेरा स्वयं का ही होगा।
3. उपरोक्त वेबसाइट से संबंधित किसी भी प्रकार के विवाद का न्यायिक क्षेत्र कानपुर अथवा दिल्ली ही होगा।
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2. विवाद की स्थिति में रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने में वेबसाइट www.niharikanjali.com की किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी एवं रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने का प्रथम एवं अंतिम कर्तव्य मेरा स्वयं का ही होगा।
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